Nojoto: Largest Storytelling Platform

दोहा छन्द👇 समुझ समय सभदिन नहीं रहय संगि हरबार...

दोहा छन्द👇
समुझ समय सभदिन नहीं
रहय संगि हरबार...
काल बगीचा महिल जहाँ
भावा आजु उजार...
अनुपम अभिमानी जने 
उलट कुंभ अस जान..
राह न देवत ज्ञान का
रखय  रिक्त अस्थान..
(अर्चना'अनुपमक्रान्ति')

©Archana pandey
  #समय_काल