गुनाह मालूम नहीं मगर सजा लाजवाब मिली, इश्क़ के समंदर में गहराई बेहिसाब मिली। दिल जो टूटा तो चाहा तुझसे नफरत भी करना, पर जहां भी ढूंढा सिर्फ इश्क़ करने की किताब मिली।। #गुनाह_ए_इश्क़