ज़ख्म देने वाले भी अपने थे, मरहम लगाने वाले भी अपने। वक़्त का तकाज़ा तो देखो ग़ालिब, दिल लगाने वाले भी अपने थे, खंजर चुभाने वाले भी अपने।। ©Anup Verma #sadness