ख़ामोश निगाहें हौले से कुछ कहती हैं। राज़ ये सारे दिल के मोहब्बत की कहती हैं। दिल की धड़कनें जो बातें ख़ुद कह नहीं पाती हैं। आँखें ख़ामोशी से वो बातें चुपके से कह जाती हैं। ख़ामोश निगाहें ख़ुदा से इबादत करती हैं। दिल में हजार मन्नतें दुआ में माँगा करती हैं। ख़ामोश निगाहें मोहब्बत बयांँ कर जाती हैं। ये दिल के सारे अरमान एक पल में पूरा कर जाती हैं। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1109 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।