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फूल गुलाब बड़ा खुश रहा करता था एक दिन गुलाब के पास

फूल
गुलाब बड़ा खुश रहा करता था एक दिन
गुलाब के पास एक दिन घुमता हुआ भंवरा
आया उसने ग़ुलाब को बड़े ही ध्यान से
देखने लगा और देखते ही भंवरें ने गुलाब से कहा
क्या मैं तुम्हें छूं सकता हूं ग़ुलाब ने कहा हां छू
सकते हो। भंवरें ने जब गुलाब को छूआ तो
उसे बड़ा अच्छा लगा। भंवरें ने फिर ग़ुलाब से
कहा मैं तुम्हें अपने होंठों से लगा सकता हूं
फूल ने हां कहा भंवरें ने फूल को अपने होठों
से जब लगाया। भंवरें को और अच्छा लगा
भंवरा रोज फूल के पास आता और देखता
अपने हाथो से छूता होंठों पर लगाता कभी
सीने से लगाता हर दिन ऐसा करता जिस दिन
भंवरा नहीं आता तो फूल उसका इंतज़ार किया करती थी। दोनों को एक दूसरे के बिना अच्छा
नहीं लगता था एक दिन भंवरें ने फूल से कहा
क्या मैं तुम्हें तोड़ सकता हूं फूल ने हां कहा
और बोला मुझे नीचे ना गिराना नहीं तो मैं
बिखर जाऊंगी। मगर भंवरें के मन धोखा था
उसने फूल को तोड़ा काफी देर तक उसे खेलता रहा हाथ से मसलता रहा धीरे से उसने फूल को
नीचे छोड़ दिया फूल नीचे गिरते ही टूट कर
बिखर गई वहीं उसने अपनी जान दे दी और
भंवरा दूसरे फूल की तरफ बढ़ गया
🥀🥀🙏

©Ek Alfaaz Shayri
  प्यार 🥀#फूल#बिखरना#टूटना#भंवरा
#एहसास #दिल #मन #मनकीबातें 
बहलाना  Gyanendra Noor Hindustani Jashvant Sethi Ji Sach Ka Safar Shayari

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