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'Sunday की पूरी......याँ' -Dear Smile (Diary) से..

'Sunday की पूरी......याँ'
-Dear Smile (Diary) से... Sunday की पूरी....याँ!

Dear Smile (Diary),

क्या हाल-चाल? Hmm जल्दी ही याद कर लिया न? चलो! अभी formalities छोड़ो तुम। Sunday से कुछ याद आया तो सोचा भूलने से पहले तुम्हें बताऊँ, आख़िर मुझे यूँ ही तो 'गजनी' नहीं कहती तुम, इसलिए जो आधी-अधूरी बात याद आई है, मैं पूरी-पूरी कोशिश करूँगी.. उसे बढ़ा-चढ़ा के बताने की। हाँ! एक बात और कि आजकल 'कल्पना' नाम लोग बहुत use कर रहे हैं, कहीं वह किसी दिन केस ना कर दे, इसलिए हम उसे बदल कर skt Ji का use करेंगे means (सिर्फ कल्पना टाइप)।

हाँ, तो एक पूरे Beautiful Sunday की, अधूरी Tasty सी बात है, skt जी बोलीं कि 'हर दिन सेब का ही हो ज़रूरी नहीं, कभी-कभी पूरियों का भी दिन आता है।' मैंने कहा अच्छा जी तो आज Sunday है खिला ही दीजिये, वो बोली कि आज तो हमने finish कर दी हैं, किसी और Sunday आपको भी खिलाई जायेंगी, मैंने सोचा चलो ठीक हैं, और पूरी-पूरी बात Next पूरी वाले Sunday के चक्कर में आई-गई type हो गई। साथ ही आश्वासन की गोली भी दी थी कि जंगली हैं, भरोसा रखिए, दुनिया त्रस्त करेगी, मगर हम पूरी पूरी मस्त n मस्ती। अब कोई इतना कहेगा तो का नहीं मानेंगे, मान गए फटाक n झटाक से। ख़ैर! 1..2...3...फिर 4...(और शायद ज्यादा भी) पूरे-पूरे Sunday गुज़र गए, मगर कहीं से कहीं तक उन ख़याली पूरियों का ज़िक्र, ना ही दर्शन लाभ प्राप्त हुआ। पेट के चूहे n हाथी तक खुसुर-पुसुर करने लगे थे। मैंने भी नहीं पूछा कि कहीं धुन दिया तो, बेइज्जती खराब हो जानी थी... धुन की धुनाई... टाइप, तो मौन संवाद ही चल रहा था। again ख़ैर! Birthday आया, सोचा आज तो पक्का याद आएगा ही, ना भी आए तो आज तो माँगने का दिन। बहुत सोच विचार कर के बतियाने गए कि उधर से fire... Happy वाला Birthday, हम तो भूल ही गए थे, लो अब और कर लो बात, अब जब भूल ही गए तो obviously 'वो' कैसे याद। फिर सोचा try करने में क्या जाता, इधर-उधर की बात करके आखिरकार पूछ ही लिया कि वो Background में क्या पूरी की Pic है, Thank God... उन्हें भी याद आ ही गया, बोली अरे! आपको अभी तक याद है क्या? लो again कर लो बात, ऐसी बात भी भला भूलने वाली होती है। मैंने उन्हें पूरी-पूरी इमेज बचाते हुए कहा, अरे नहीं... वो तो pic देखकर, मगर आप तो खिलाने वाली थीं न, क्या हुआ? Again उन्होंने कहा, ये तो Pic है बस.... बनाई नहीं है, अब जब भी बनेगी, आज तो बस पीली दाल का आनंद लीजिए। सुनकर, धीरज ही चला गया छोड़कर और वो आनंद की बात करती हैं...  ऐसी 🎶 type background में गूँज उठी।
'Sunday की पूरी......याँ'
-Dear Smile (Diary) से... Sunday की पूरी....याँ!

Dear Smile (Diary),

क्या हाल-चाल? Hmm जल्दी ही याद कर लिया न? चलो! अभी formalities छोड़ो तुम। Sunday से कुछ याद आया तो सोचा भूलने से पहले तुम्हें बताऊँ, आख़िर मुझे यूँ ही तो 'गजनी' नहीं कहती तुम, इसलिए जो आधी-अधूरी बात याद आई है, मैं पूरी-पूरी कोशिश करूँगी.. उसे बढ़ा-चढ़ा के बताने की। हाँ! एक बात और कि आजकल 'कल्पना' नाम लोग बहुत use कर रहे हैं, कहीं वह किसी दिन केस ना कर दे, इसलिए हम उसे बदल कर skt Ji का use करेंगे means (सिर्फ कल्पना टाइप)।

हाँ, तो एक पूरे Beautiful Sunday की, अधूरी Tasty सी बात है, skt जी बोलीं कि 'हर दिन सेब का ही हो ज़रूरी नहीं, कभी-कभी पूरियों का भी दिन आता है।' मैंने कहा अच्छा जी तो आज Sunday है खिला ही दीजिये, वो बोली कि आज तो हमने finish कर दी हैं, किसी और Sunday आपको भी खिलाई जायेंगी, मैंने सोचा चलो ठीक हैं, और पूरी-पूरी बात Next पूरी वाले Sunday के चक्कर में आई-गई type हो गई। साथ ही आश्वासन की गोली भी दी थी कि जंगली हैं, भरोसा रखिए, दुनिया त्रस्त करेगी, मगर हम पूरी पूरी मस्त n मस्ती। अब कोई इतना कहेगा तो का नहीं मानेंगे, मान गए फटाक n झटाक से। ख़ैर! 1..2...3...फिर 4...(और शायद ज्यादा भी) पूरे-पूरे Sunday गुज़र गए, मगर कहीं से कहीं तक उन ख़याली पूरियों का ज़िक्र, ना ही दर्शन लाभ प्राप्त हुआ। पेट के चूहे n हाथी तक खुसुर-पुसुर करने लगे थे। मैंने भी नहीं पूछा कि कहीं धुन दिया तो, बेइज्जती खराब हो जानी थी... धुन की धुनाई... टाइप, तो मौन संवाद ही चल रहा था। again ख़ैर! Birthday आया, सोचा आज तो पक्का याद आएगा ही, ना भी आए तो आज तो माँगने का दिन। बहुत सोच विचार कर के बतियाने गए कि उधर से fire... Happy वाला Birthday, हम तो भूल ही गए थे, लो अब और कर लो बात, अब जब भूल ही गए तो obviously 'वो' कैसे याद। फिर सोचा try करने में क्या जाता, इधर-उधर की बात करके आखिरकार पूछ ही लिया कि वो Background में क्या पूरी की Pic है, Thank God... उन्हें भी याद आ ही गया, बोली अरे! आपको अभी तक याद है क्या? लो again कर लो बात, ऐसी बात भी भला भूलने वाली होती है। मैंने उन्हें पूरी-पूरी इमेज बचाते हुए कहा, अरे नहीं... वो तो pic देखकर, मगर आप तो खिलाने वाली थीं न, क्या हुआ? Again उन्होंने कहा, ये तो Pic है बस.... बनाई नहीं है, अब जब भी बनेगी, आज तो बस पीली दाल का आनंद लीजिए। सुनकर, धीरज ही चला गया छोड़कर और वो आनंद की बात करती हैं...  ऐसी 🎶 type background में गूँज उठी।