ही कर्म उससे करवाती हैं।। ग़र ख्वाइशें न हो मन में।। तो ज़िंदगी की मंज़िलें बदल जाती हैं।। सुप्रभात। इंसान की ज़रूरतें और उसकी चाहतें ज़रूरी नहीं अथाह हों... #इंसानकीज़रूरतें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi