एक तू ही तो है, जो कभी समाप्त हो नहीं होती, बढ़ती उम्र के साथ ,बढ़ती ही चली जाती, नहीं समझती तू हालात को, ना ही समझती किसी के जज़्बात को, बस समझती है तू बस अपने आप को, ना दिखती है 👀 तुझे किसी की मजबूरी, बस दिखती है तुझे ऑरो की कमजोरी, ओर उस हिसाब से ही तू करवाती है , लोगो से काम करवाती है, कभी कभी तू अपने आप को पूरा करवाने के लिए, करवा लेती है लोगो से गलत काम ।। #yolewrimo में आज का ख़त #ज़रूरतकेनाम #letters #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ankitaguptaletter