हमारी नज़दीकियों की बात करती हो, क्या सच में मेरे क़रीब रहती हो ? मैं तो खोया रहता हूँ तुम्हारे नाम के पहले हर्फ* में अक्सर, क्या तुम भी कभी पवन में गुम होती हो ? अच्छा मान लिया इल्म़* है तुम्हें दोस्ती का बहुत, मगर क्या थोड़ी महोब्बत की तालीम* भी रखती हो ? क्या सच्चे थे वो अल्फ़ाज़* इज़हार-ए-महोब्बत के, या कोई Dictionary* अपने साथ रखती हो ? चलो भूल जाता हूँ उन चार दिनों की मिठी बातों को, बस इतना बता दो, क्या आज भी मेरे खयालात पढ़ती हो ? *हर्फ- अक्षर *इल्म़- ज्ञान *तालीम- शिक्षा *अल्फ़ाज़- शब्द *dictionary- शब्दकोष *हर्फ- अक्षर *इल्म़- ज्ञान *तालीम- शिक्षा