गुस्ताख-ए-हुजूर अब माफ भी कीजिये, पैरों के निशान मेरे घर को भी कीजिये । काशी - गंगा में क्या रक्खा है मेरे आका, झुग्गी-झोपड़ियों का भी ध्यान कीजिये।। ©Amit Rawat #HandsOn #For #justice #poor #background #God #Pray #humnity #meditation