तु क्यों नहीँ मेरे पास? मैं सोचता हूँ अक्सर मेरी तनहाइयों में। कभी साज लगती थी धड़कन तेरी,अब आती है आवाज़ सिसकती हुई शहनाईयों में।। तू क्यों नहीँ मेरे पास...... . . . . . सब कुछ है मेरे पास, एक तू ही तो नहीँ, वो पल, वो यादें, वो सपने तेरे। पर छू भी नहीँ सकता मैं तुझे, आती है तू नज़र परछाईयों में।। तु क्यों नहीँ मेरे पास . . . . . . . . . ये तनहाइयां ही है,जो बेबस करती है बार बार तुझे याद करने को। चाहकर भी नहीँ भूल सका मैं तुझे, जी चाहता है अब भी तुझे प्यार करने को।। कोशिश करता हूँ बहूत भूल जाने कि तुझे। पर डूब जाता हूँ तेरे ग़मों कि गहराइयों में।। तु क्यों नहीँ मेरे पास . . . . . . याद करत हूँ उन पलों को, जो बितायें है मेने संग तेरे। वो सर्द हवायें, वो गर्म सांसें, वो नशा तेरे होठों कि गरमाईयों में।। तु क्यों नहीँ मेरे पास, मैं सोचता हूँ अक्सर मेरी तनहाइयों में। कभी साज लगती थी धडकन तेरी, अब आती है आवाज़ सिसकती शहनाईयों में।। तु क्यों नहीँ मेरे पास ?? तू क्यों नहीँ ? . . . . #NojotoQuote तू क्यों नहीं मेरे पास?