जब भी तुम बोलते थे कितनी मोहब्बत करते हो क्या मेरे जैसे तुम भी इंतेजार में आंहे भरते हो यकी मनो जाना मैं तुमसे बेशुमार मोहब्बत करता हुं बस बंदिशें हैं किसी की जो तुमसे झूठ बोलता था... अकेले बैठ तेरा इंतजार करता हॅंू यकी मनो जाना मैं तुमसे आज भी बेशुमार मोहब्बत करता हूँ ... #muhabbat #intejar #jhuth #bandishein