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कविता- वो हमारे बापू थे हमारे बापू 1869 मैं इस द

कविता- वो हमारे बापू थे

 हमारे बापू 1869 मैं इस दुनिया में आए थे।सच्चाई को लेकर साथ उन्होंने अपना जीवन बिताया था अहिंसा को बनाया था अस्त्र जिन्होंने वह हमारे बापू थे।

जिन्होंने अंग्रेजों को है भारत से दूर भगाया। कभी हाथ में ना लिया था शस्त्र उन्होंने हमें दुश्मन से भी प्यार करना सिखाया था, वो हमारे बापू थे।

मुझसे करे सवाल कोई मैं बताऊं कैसे थे बापू, हाथ में लकड़ी तन पर कम्बल ऐसे थे हमारे बापू।। ना किया कभी उन्होंने जात-पात उन्होंने हर इंसान को इंसान समझा था।।

जिन्होंने देखकर भारत की दशा त्याग दिए थे महंगे वस्त्र पहनी धोती तथा तन पर कंबल डाले वो चल पड़े थे हाथ में लाठी लेकर ,वो हमारे बापू थे।।

जिन्होंने किया आजादी के लिए 1917 में चम्पारण आंदोलन वो हमारे बापू थे।।
इंग्लैंड से जिन्होंने की थी क़ानून की पढाई।। वाईसरा हाऊस की जिनकी तस्वीर आज हमारी मुद्रा पर छपी है, वो हमारे बापू है।।

जिन्होंने हमें दिलाई आजाद धरती, वह हमारे बापू थे। जिन्होंने अपने आपको बना लिया था साधु आजादी के लिए और चलाने लगे थे चरखा, वो हमारे बापू थे।।

उन्होंने कभी ना लिया हाथ में शस्त्र आजादी के लिए वह तो लाठी लेकर ही चल पड़े थे,वो हमारे बापू थे।।
 जिन्होंने हार न मानी कभी अपनी जिंदगी में करते रहे संघर्ष हर परेशानी से आज मिली है,ये आजाद धरती हमें उनकी वजह से ,वो हमारे बापू थे।।

आओ करें उनको नमन जिसने हमें आजादी दिलाई है, देखा था सपना जिन्होंने स्वच्छ भारत का वह हमें कर दिखाना है, कर दिया उन्होंने स्वतंत्र भारत अब हमें स्वच्छ भारत बनाना है।।

नाथूराम गोडसे ने जिनकी की थी हत्या वह हमारे बापू थे, करा दिया उन्होंने भारत आजाद अब हमें भारत को स्वच्छ भारत बनाना है।।

✍कवि नवरतन बंजारा।।
कविता- वो हमारे बापू थे

 हमारे बापू 1869 मैं इस दुनिया में आए थे।सच्चाई को लेकर साथ उन्होंने अपना जीवन बिताया था अहिंसा को बनाया था अस्त्र जिन्होंने वह हमारे बापू थे।

जिन्होंने अंग्रेजों को है भारत से दूर भगाया। कभी हाथ में ना लिया था शस्त्र उन्होंने हमें दुश्मन से भी प्यार करना सिखाया था, वो हमारे बापू थे।

मुझसे करे सवाल कोई मैं बताऊं कैसे थे बापू, हाथ में लकड़ी तन पर कम्बल ऐसे थे हमारे बापू।। ना किया कभी उन्होंने जात-पात उन्होंने हर इंसान को इंसान समझा था।।

जिन्होंने देखकर भारत की दशा त्याग दिए थे महंगे वस्त्र पहनी धोती तथा तन पर कंबल डाले वो चल पड़े थे हाथ में लाठी लेकर ,वो हमारे बापू थे।।

जिन्होंने किया आजादी के लिए 1917 में चम्पारण आंदोलन वो हमारे बापू थे।।
इंग्लैंड से जिन्होंने की थी क़ानून की पढाई।। वाईसरा हाऊस की जिनकी तस्वीर आज हमारी मुद्रा पर छपी है, वो हमारे बापू है।।

जिन्होंने हमें दिलाई आजाद धरती, वह हमारे बापू थे। जिन्होंने अपने आपको बना लिया था साधु आजादी के लिए और चलाने लगे थे चरखा, वो हमारे बापू थे।।

उन्होंने कभी ना लिया हाथ में शस्त्र आजादी के लिए वह तो लाठी लेकर ही चल पड़े थे,वो हमारे बापू थे।।
 जिन्होंने हार न मानी कभी अपनी जिंदगी में करते रहे संघर्ष हर परेशानी से आज मिली है,ये आजाद धरती हमें उनकी वजह से ,वो हमारे बापू थे।।

आओ करें उनको नमन जिसने हमें आजादी दिलाई है, देखा था सपना जिन्होंने स्वच्छ भारत का वह हमें कर दिखाना है, कर दिया उन्होंने स्वतंत्र भारत अब हमें स्वच्छ भारत बनाना है।।

नाथूराम गोडसे ने जिनकी की थी हत्या वह हमारे बापू थे, करा दिया उन्होंने भारत आजाद अब हमें भारत को स्वच्छ भारत बनाना है।।

✍कवि नवरतन बंजारा।।