ना तो बुरे वक्त में तेरी मुखालफत करनी है ना अच्छे वक्त में तेरे मुताबिक ढलना है मैं तो हूं खुद एक आज़ाद परिंदा मुझे तो बस अपने मनमुताबिक चलना है विनीत कुमार मित्तल ©AWARA PARINDA #मुखलफत