बस अब ओर ना मेरा तमाशा बना इस नुमाइश भरे बाजार में फ़रेब तो तेरा पढ़ चुका हूं,अब मोहब्बत मत जता बेकार में बहुत जुल्म ओ सितम का शिकार हुआ हूँ बहुत तनहाइयों में घिरा रहा हूँ मत थाम अब हाथ मेरा नही हूँ मैं शामिल अब तेरे तलबगार में #quotes #shayari #heartbreak