के अक्सर जिंदगी हमसे क्यूँ इतनी रूठ जाती है, ना चाहे टूटना फिर भी क्यूँ साँसे टूट जाती हैं। सुना है हमसफ़र में लोग मिलते हैं बिछड़ते हैं, फिर क्यूँ हमराह राहों में वफ़ाएं रूठ जाती है।। - दुर्गेश बहादुर प्रजापति #जिंदगी #jindagi #life_poetry #jiwan_best_poem #bestshayarie #durgesh