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" उसे जान के भूल जाना चाहता हूं , कहीं इस खामोशि म

" उसे जान के भूल जाना चाहता हूं ,
कहीं इस खामोशि में गलत फैमी ना पाल ले ,
हसरतें कुछ काफिर ना हो जाये ,
मैं उसे अब उसी अंदाज में चाहुंगा ." 

                              --- रबिन्द्र राम
 " उसे जान के भूल जाना चाहता हूं ,
कहीं इस खामोशि में गलत फैमी ना पाल ले ,
हसरतें कुछ काफिर ना हो जाये ,
मैं उसे अब उसी अंदाज में चाहुंगा ." 

                              --- रबिन्द्र राम
" उसे जान के भूल जाना चाहता हूं ,
कहीं इस खामोशि में गलत फैमी ना पाल ले ,
हसरतें कुछ काफिर ना हो जाये ,
मैं उसे अब उसी अंदाज में चाहुंगा ." 

                              --- रबिन्द्र राम
 " उसे जान के भूल जाना चाहता हूं ,
कहीं इस खामोशि में गलत फैमी ना पाल ले ,
हसरतें कुछ काफिर ना हो जाये ,
मैं उसे अब उसी अंदाज में चाहुंगा ." 

                              --- रबिन्द्र राम