मिलना- बिछड़ना , ये किस्से कहानी, वो दरिया का इश्क़, वो साहिल पर पानी, वो हाथो से, पिरोना, वो मोती की माला, मुकदर से मिलना , खामोशी से जाना, दिलाता यकीन ये पल का लिख जाना, कि,जो वो , माटी पर उतारा , वो दिल था मेरा, वो हवाओं का रुख, वो झेलम सा बहना, रुक सा गया, तेरा मुझपर उतारना, वो शादी की बात ,वो मजबूत बनना, समझना- समझाना, वो लफ्जो से बचना, बताता यही , ये लम्हो का खोना वो पहाड़ी धूप में चाय की चुस्की, वो उगता सूरज, वो ढलती सर्दी, दिलाता यकीन इस पल का बुन जाना, कि जो ये, इतना लिखा,ये भी दिल है मेरा, कि मेरे संग तेरा झेलम सा बहना । "झेलम" #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi