मणिकर्णिका के घाटों से जो धुएँ बहते हैं वो ही धुआ शायर के कलमों से उपजते हैं वो कहते हैं, ये शुद्धता कहीं और नहीं बनारस नहीं, तो कहीं और नहीं और जब शायर उस धुएँ से नहाते हैं तो कलम की आग, उस लौ से कम नहीं ©Rumaisa #dhuaan #kalam #Shayar #Manikarnika