*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“17/1/2022”*📚 🖋️*“सोमवार”* 🌟 कुछ “पक्षी” “जीवनभर” “घोंसला” बनाते रहते है,यहां से “डाली” लेकर वहां से “तिनका” लेकर,“सदा” इस कार्य में लगे रहते है कि अपना “घोंसला” बना सके और इस कार्य में इतना “खो” जाते है कि “स्वयं” के “पंखों का अस्तित्व” के विषय में भूल ही जाते है, भूल जाते है कि उनके पास एक “विशाल आकाश” भी है, “उड़ान” भरने के लिए और फिर यह “जीवन” उस “घोंसले की आहुति” चढ़ जाता है, अब “मनुष्य” के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है “जीवन जीने” के लिए “धन कमाने” के लिए हम इतने “व्यस्त” हो जाते हैं कि “भूल” ही जाते है हमें “जीवन” जीना भी है,“जीवन” “धन” कमाने के लिए नहीं है,तो आप केवल “घोंसला” बनाते मत रहिएगा,अपने “पंख” फड़फड़ाइए और इस “खुले आसमान” में और अपने जीवन को “खुलकर” और “खुश” होकर जीए, अपने “परिवार” को भी “समय” दीजिए, *अतुल शर्मा*✍🏻 ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“17/1/2022”*📚 🖋️ *“सोमवार”* 🌟 *#“पक्षी”* *#“जीवनभर”*