रोज़ तुम्हारे चेहरे को ऐसे निहारने का मन करता है मानो वो चेहरा ना होकर बरसो बाद निकला चांद हो जिसका दीदार करने के लिए ना जाने हमने कितने बादल, बारिश बना कर बहा दिए #चांद #बादल #बारिश #बहाव #इश्क़ #दीदार #मोहब्बत