साँसों के किसी एक मोड़ पर मिली थी तू ज़िंदगी मेरी दोस्त बन के, चल दिया तेरी बात मान कर तेरा हाथ थाम कर तुझे साथी चुन के, मैं किस मंज़िल का राही हूँ तू किन राहों पे लाई है समझ पाउ ना मैं तुझको ना तू मुझको.. जो ना-मंज़ूर है मुझको वोही मंज़ूर है तुझको समझ पाउ ना मैं तुझको ना तू मुझको!! #best_lyrics #song_lines #nojoto