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मेरे वजूद के हर हिस्से को जानते है। रास्तों में औ

मेरे वजूद के हर हिस्से को जानते है।

रास्तों में और मुझमें फर्क ही क्या है
हमने तो हर राही को मंज़िल पहुंचाया है।
राहगीर हमें रौंदता हुआ आगे बढ़ गया है
रिश्ता समझ बैठे थे हम तो कुछ पल के लिए
पर उन्होंने ना समझ काबिल हमें उनके कल के लिए।।

रास्ते अब मुझे जानते है
क्यूंकि खुदा ने मुकद्दर हमारा एक दिया है
हमे तो लोगों ने इस्तेमाल करके फेंक दिया है।
 आवारगी इतनी भी बुरी चीज़ नहीं बशर्ते मन से की जाये।
#रास्तेपहचानतेहैं #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
मेरे वजूद के हर हिस्से को जानते है।

रास्तों में और मुझमें फर्क ही क्या है
हमने तो हर राही को मंज़िल पहुंचाया है।
राहगीर हमें रौंदता हुआ आगे बढ़ गया है
रिश्ता समझ बैठे थे हम तो कुछ पल के लिए
पर उन्होंने ना समझ काबिल हमें उनके कल के लिए।।

रास्ते अब मुझे जानते है
क्यूंकि खुदा ने मुकद्दर हमारा एक दिया है
हमे तो लोगों ने इस्तेमाल करके फेंक दिया है।
 आवारगी इतनी भी बुरी चीज़ नहीं बशर्ते मन से की जाये।
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