#FourLinePoetry ॐ भावनाओं के सागर में गोते लगा रहे हैं, अंतर्मन के स्वर नगमे गा रहे हैं, कभी हास्य कभी वीर रस कभी श्रृंगार लिए हुए, हर पल के अनुभव का व्यवहार लिए हुए, कलम मन के भावों में डुबकी लगा रही है, जिंदगी को कविता और गजल बना रही है, काले मोतियों से शब्दों को--- श्वेत कागज पर सजा रही है, इन शब्दों का कैसा संयोग बन गया है--- जीवन एक गजल है यह योग बन गया है, संगीता वर्मा✍✍ #FourLinePotley ©Sangeeta Verma #FourLinePoetry #fourlinepoetry #BhavnaokaSagar #Sagar #भावनाओं सागर