मर्द तेरे सारे रिश्ते शर्तों पर एक रिश्ता रख मनमाना सा मुझे अपने गम में शामिल कर कहे मर्द कोई दीवाना सा क्या हुआ अगर मैं मर्द हूं ना आवारा परवाना सा। स्त्री स्त्री के लिए बना नहीं रिश्ता कोई बेगाना सा ये बातें सब किताबी हैं या लगती कोई फ़साना सा तेरे संग दो कदम भी चल दी दुनिया छेड़ देगी कोई तराना सा मुझको तेरी दोस्ती रास नहीं बस बना रह अनजाना सा। बेगाने रिश्ते