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ऊन के लिपटे गोले और तेज हाथों से चलती वो दो कांटे

ऊन के लिपटे गोले
और तेज हाथों से चलती वो 
दो कांटे..
और भागता मैं, 
ऊन के गोले ले कर
और वो मगन,अपने धुन में 
बुनती स्वेटर..
मानो जैसे गढ़ रही हो 
हमारे रक्षा की लिबास 
बरबस ही याद आ जाती है जब 
दस्तक देती ठण्ड ,बदन को सिहरा देती है ,आज

तब गुम हो जाता हूँ कहीं मैं
उनके ममत्व और वात्सल्य में
खोने लग जाता हूँ कहीं
अपने होने के पर्याय में
और पारदर्शी प्रेम के असीम ब्रह्मांड में
तब पलट कर देखता हूँ मैं,अतीत की चारदीवारी को
और पढ़ने लग जाता हूँ, उन अनगिनत 
शब्दावली को, जो रेखांकित करती
मेरे अस्तितव के ज्यामिति को...
और वो सदैव विद्यमान दिखती मेरे परिधि के
दूसरे छोड़ पर, विस्तारित करती 
मेरी जीवन के व्यास को निरंतर..

भास्कर


 #mylove #mymom #myvalentine #loveforever #theonewhodefinelove #motherlove #beyondtime
ऊन के लिपटे गोले
और तेज हाथों से चलती वो 
दो कांटे..
और भागता मैं, 
ऊन के गोले ले कर
और वो मगन,अपने धुन में 
बुनती स्वेटर..
मानो जैसे गढ़ रही हो 
हमारे रक्षा की लिबास 
बरबस ही याद आ जाती है जब 
दस्तक देती ठण्ड ,बदन को सिहरा देती है ,आज

तब गुम हो जाता हूँ कहीं मैं
उनके ममत्व और वात्सल्य में
खोने लग जाता हूँ कहीं
अपने होने के पर्याय में
और पारदर्शी प्रेम के असीम ब्रह्मांड में
तब पलट कर देखता हूँ मैं,अतीत की चारदीवारी को
और पढ़ने लग जाता हूँ, उन अनगिनत 
शब्दावली को, जो रेखांकित करती
मेरे अस्तितव के ज्यामिति को...
और वो सदैव विद्यमान दिखती मेरे परिधि के
दूसरे छोड़ पर, विस्तारित करती 
मेरी जीवन के व्यास को निरंतर..

भास्कर


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