चरित्र (प्रीमियम कविता) तुम्हारा व्यक्तित्व ही है तुम्हारा चरित्र, तुम्हारी वाणी ही है तुम्हारी पूंजी, तुम्हारा व्यवहार ही है तुम्हारा सच्चा गहना, तुम्हारी धीरज ही है तुम्हारी सफलता। तुम्हारा दूसरे इंसान के प्रति, व्यवहार दिखाता है तुम्हारा असली व्यक्तित्व, और तुम्हारी नम्रता ही दर्शाती है, तुम्हारे असली संस्कार। रखना हमेंशा हसता चेहरा, रखना हमेंशा सरल स्वभाव, ता कि कोई इंसान तुझे अपना दर्द, बयां करने में हिचकिचा ना पाए। जुबान तो सभी के पास होती है, किसी की तीखी तो किसी की मीठी, लेकिन उसका सही इस्तमाल ही, जगह बनाती है तेरी दूसरों के दिल में। -Nitesh Prajapati रचना क्रमांक :- #kkpc27 #kkप्रीमियम #कोराकाग़ज़प्रीमियम #प्रीमियमकविता #विशेषप्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़