White जिंदगी की राहें कल एक झलक ज़िंदगी को देखा, वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी। फिर ढूँढा उसे इधर उधर, वो आंख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी। एक अरसे के बाद आया मुझे करार, वो सहला के मुझे सुला रही थी। हम दोनों क्यूँ खफ़ा हैं एक दूसरे से, मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी। मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया कम्बख्त तूने, वो हँसी और बोली- मैं जिंदगी हूँ पगले तुझे जीना सिखा रही थी।🥀🥹 ©Writer Mamta Ambedkar #Sad_Status प्रेम कविता कविताएं हिंदी कविता हिंदी कविता कविताएं