ख़्वाब और आँखे वो ख़्वाब हमने, देख लिया है तेरी बातो को, मैने समेट लिया है मैने अधुरे ख्वाबों, को निदं से जोडा है निगाहो को भी, ख़्वाबों से तोला है काटो भरी रात ने, मुझसे यह बोला है आँखो को थोडा रोना है, और सोना है #आखें #खाव्ब