कितनी खूबसूरती से लिखा है पति ने अपनी पत्नी के बारे में, मैं घर में सोता हूँ शांति छा जाती है वो घर में सोती है सूनापन आ जाता है मैं घर लौटता हूँ घर में शांति हो जाती है वो घर लौटती है घर में रौनक आ जाती है मै सोकर उठता हूँ घर में फर्माइसे गूँजती है वो सोकर उठती है घर में पूजा की घण्टियाँ गूँजती है मेरा घर लौटना उसका आत्मविश्वास बढाता है उसका घर लौटना घर में लच्छमी व अन्नपूर्णा का वास होता है पत्नी चुटकुलों में उपहास की पात्र नही है वो हमसफ़र है रक्षक है परिवार की शक्ति है !