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तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ कुछ कहते हुए भी डरत

तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
कुछ कहते हुए भी डरता हूँ

कहीं भूल से तू ना समझ बैठे
के मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ...
                - गीतकार नौशाद #image from internet
तेरे हुस्न की क्या तारीफ़ करूँ
कुछ कहते हुए भी डरता हूँ

कहीं भूल से तू ना समझ बैठे
के मैं तुझसे मोहब्बत करता हूँ...
                - गीतकार नौशाद #image from internet