Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक दिन मैं निकल गया दूर अपनी गलिया

एक  दिन मैं    निकल       गया
दूर     अपनी   गलियारी   से
सूखे    देखे    पेड़   और   पौधे
बिछड़े    जो   फुलवारी   से
लगा   ऐसे   कुछ  कहना  चाहते
मुझ  से  अपनी  कहानी  वो
पास   बैठा   सुनाने   लगे
अपनी   बीती   ज़ुबानी   वो
फल  और   छाया देते  थे जब
लगते  सब को  प्यारे  थ
डाली पर    झूला करते  थे  
खेल  खेलते  न्यारे  थे
बूढ़ा  हो  गया  था  जब  mai
रही  ना मुझ  में जान  जभी
झड़ गए सारे  पत्ते  मेरे
डालियां हो गई बेज़ान सभी
उखाड़ कर फ़ेंक दिया था मुझको
अब  बेकार  मै  लगता  था
भूल  गए  उस  वक़्त को सारे
जब  मैं  फल  दिया  करता था
बहुत  रोया  था  उस दिन मैं
जब  मुझ  पर  चलाई  आरी थी
फिर  भी उन  बच्चों  पर मैने
ठूंठ  भी  अपनी  बारी  थी
बेच  कर   मेरी  सूखी  डालियां
ठूंठ  से  भी  पैसा  कमा  लिए
तब  यही  था  माना  मैने
हर  फ़र्ज़  मैने  अदा  कियाi
सुन कर के उस  पेड़  की  गाथा
ठनक  गया  था  मेरा  माथा
मेरी  कहानी  भी  तो  यही  थी
जो  मुझको उस  पेड़ ने कही थी

©Anita Mishra #मैऔरपेड़#जीवनकासच
एक  दिन मैं    निकल       गया
दूर     अपनी   गलियारी   से
सूखे    देखे    पेड़   और   पौधे
बिछड़े    जो   फुलवारी   से
लगा   ऐसे   कुछ  कहना  चाहते
मुझ  से  अपनी  कहानी  वो
पास   बैठा   सुनाने   लगे
अपनी   बीती   ज़ुबानी   वो
फल  और   छाया देते  थे जब
लगते  सब को  प्यारे  थ
डाली पर    झूला करते  थे  
खेल  खेलते  न्यारे  थे
बूढ़ा  हो  गया  था  जब  mai
रही  ना मुझ  में जान  जभी
झड़ गए सारे  पत्ते  मेरे
डालियां हो गई बेज़ान सभी
उखाड़ कर फ़ेंक दिया था मुझको
अब  बेकार  मै  लगता  था
भूल  गए  उस  वक़्त को सारे
जब  मैं  फल  दिया  करता था
बहुत  रोया  था  उस दिन मैं
जब  मुझ  पर  चलाई  आरी थी
फिर  भी उन  बच्चों  पर मैने
ठूंठ  भी  अपनी  बारी  थी
बेच  कर   मेरी  सूखी  डालियां
ठूंठ  से  भी  पैसा  कमा  लिए
तब  यही  था  माना  मैने
हर  फ़र्ज़  मैने  अदा  कियाi
सुन कर के उस  पेड़  की  गाथा
ठनक  गया  था  मेरा  माथा
मेरी  कहानी  भी  तो  यही  थी
जो  मुझको उस  पेड़ ने कही थी

©Anita Mishra #मैऔरपेड़#जीवनकासच
anita2403784021992

Anita Mishra

Bronze Star
New Creator
streak icon1