Nojoto: Largest Storytelling Platform

मिली है जो मुस्कान मुझे खैरात में ए जिंदगी कुछ निक

मिली है जो मुस्कान मुझे खैरात में ए जिंदगी
कुछ निकाल मेरे हिंस्से से तू उन्हें भी दे 
खरीद सके अनमोल खुशियां उनके लिए
वो मां बाप तू उन्हें भी दे।
क्या कसूर था उनका, और रहा में बेगुनाह
जो मुझे छत मिली,और वो रास्तों पर सोने
को मजबुर रहते हैं। 
हजारों खर्च कर हम अपने खाली पन को भरते हैं। 
वो गरीबी की आंगन में अक्सर खेलते रहते हैं।

~रंजीत #Majbur#bachhe#life#woes#
मिली है जो मुस्कान मुझे खैरात में ए जिंदगी
कुछ निकाल मेरे हिंस्से से तू उन्हें भी दे 
खरीद सके अनमोल खुशियां उनके लिए
वो मां बाप तू उन्हें भी दे।
क्या कसूर था उनका, और रहा में बेगुनाह
जो मुझे छत मिली,और वो रास्तों पर सोने
को मजबुर रहते हैं। 
हजारों खर्च कर हम अपने खाली पन को भरते हैं। 
वो गरीबी की आंगन में अक्सर खेलते रहते हैं।

~रंजीत #Majbur#bachhe#life#woes#