मैं ,, तन्हाईं कों अपना हम - सफ़र ,, और मौंत को अपनी मंजिल मानता हूँ देखें हैं कई शख़्स मैंने इस जहां में ,, हम - दर्द बनकर दर्द देते हुए क्यूँ ,, किसी को अपना दिल देकर चैन - ओं - सूकून खोतें हों " साहिब " यहां हर शख़्स अपना नहीं होता यहां हर किसी के सामने ,, अपनी दरिया - दिलीं मत दिखना " ए मेरे Dost " यें दुनियां बड़ी #ज़ालिम हैं ,, लगाकर #इल्ज़ाम ख़ुद पर हीं ,, #बेंवफ़ा करार देतीं हैं दीपिका😎 ............................................................................🥀 🥀 Yaha Har Kisi Ke Samne Apni Dariya - Dili Mat Dikhana " E Mere Dost " Ye Duniya Badi Jalim Hai ,, Lagakar Iljam Khud Par Hi ,, Bewafa Karar Deti Hai ............................................................................🥀 🥀