White जन्म जो हुआ है तेरा, निश्चित ही मृत्यु भी होगी, बना के डेरा, कौन करता रहा यहां बसेरा, सोच तो लोगों की होती है, नहीं है कभी हम यहां से जाने वाले, पर बुलावा तो, एक-एक का, निश्चित है आने वाले। लोगों की जेबे देख, दोस्ती निभाने में, कहां करते हो, किसी से तुम प्यार बहुत ? लोगों की बातें, दिल मे दबा के बैठे, सोचते हो, जीवन चिंता मुक्त रहे बहुत, मुश्किल ये नहीं की, तुम रहना चाहते हो यहां बहुत, पर दुःख ये है, कहां रहते हो तुम खुश बहुत? बाशिंदे ज्यादा दिन के नही, पर मेरा-मेरा की आन में, किसी से दिल खोल, मिलते कहां हो तुम बहुत? ना जाने किस खुश फहमी में, खोए रहते हो तुम, संचय कर लो सबकुछ, फिर भी नहीं रह पाओगे, तुम यहाँ बहुत । सब कुछ धरा पर, धरा ही रह जाएगा, उसका उपयोग कोई और, कर इठलायेगा, और अर्थी पे कंधा देता, हुआ कहता जाएगा, अच्छे थे ये बहुत, इतना ही तु ले के, अपने साथ जाएगा, पर तु कहता है, मैंने संचय किया है, अब तक धन बहुत । ©Rashi #good_night #Rashi