वक़्त चाहे तो भुला दे मुझको जिस्म चाहे तो दग़ा दे मुझको जो बात दिलों तक ना पहुँची वो बात ज़बाँ पर लानी है इस घोर अंधेरी बस्ती में सच की लौ जलानी है बाज़ार लगा है हसरत का ढोल बजा है शोहरत का कोई रोज़ नए रिश्ते लेकर कोई लिए आँख में सपना है हर दम बदलते चेहरे हैं कोई नही यहाँ अपना है फिर यही इक रीत पुरानी है जो न बोलो वही कहानी है जो बाहर दिखा नही वो अंदर है इश्क़ उसी को मिलता है जो अंदर से कलंदर है जो अंदर से कलंदर है। #nojoto #nojotolove #love #life