Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं इत्र की शीशी जैसी हूं गर टूट भी जाऊं महकूंगी,

मैं इत्र की शीशी जैसी हूं
गर टूट भी जाऊं महकूंगी,
तुम गौर से सुनना ख्वाबों में
मैं यादों में भी चहकूंगी ।।

और टूट भी जाएं सांसे अब
अल्फाज नहीं मिटने वाले ,
हर लफ्ज़ को पढ़ना सिद्धत से
मैं शब्दों में भी दहकूंगी ।

©Matangi Upadhyay( चिंका )
  मैं इत्र की शीशी जैसी हूं
गर टूट भी जाऊं महकूंगी,
#matangiupadhyay #Nojoto #Love #शायरी

मैं इत्र की शीशी जैसी हूं गर टूट भी जाऊं महकूंगी, #matangiupadhyay Nojoto Love #शायरी

270 Views