प्यार में दो दिल होते हैं और दो गले, दोनों गले मिलते हैं एक दिल होते हैं। प्यार एक तरफा हो सकता है पर प्यार दोगला नहीं होता। दो गले मिलकर एक सुर होते हैं ये नग्मा दोगाना बे-गाना हो सकता है पर दोगला नहीं होता। गुलज़ार कहते हैं प्यार एक तरफा न हुआ है न होगा कभी। पर हम कुछ और कहते हैं इक झरोखा जो अधूरा खुला था उस खिड़की में भी तिश्नगि थी तुमने देखी न कभी।