गढ के भीतर चिता लगी थी, उसके ऊपर आग सजी थी ! मौत बाहर से शौर्य ब्याहा, रजपुती भी खुब आज सजी थी ! जौहर की अग्नि हो गई पावन, क्षत्राणी आज मरी मिटी थीं ! देख जिसे इन्द्र भी रोया , भेजा एरावत लाने को ! धन्य हुआ आज स्वर्गलोक भी करके स्वागत क्षत्राणी को ! #rajputana #क्षत्राणी 🙏 ©Thakur Navdeep Baba #seashore