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यह एक क्रूर विडंबना है कि जब देश ऑक्सीजन के लिए हा

यह एक क्रूर विडंबना है कि जब देश ऑक्सीजन के लिए हांफ रहा है, तब हीरे की खान के लिए मध्यप्रदेश के बक्सवाहा जंगल मे 2.15 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं।

#SaveBuxwahaForest

©MANJEET SINGH THAKRAL यह एक क्रूर विडंबना है कि जब देश ऑक्सीजन के लिए हांफ रहा है, तब हीरे की खान के लिए मध्यप्रदेश के बक्सवाहा जंगल मे 2.15 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं।

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यह एक क्रूर विडंबना है कि जब देश ऑक्सीजन के लिए हांफ रहा है, तब हीरे की खान के लिए मध्यप्रदेश के बक्सवाहा जंगल मे 2.15 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं।

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©MANJEET SINGH THAKRAL यह एक क्रूर विडंबना है कि जब देश ऑक्सीजन के लिए हांफ रहा है, तब हीरे की खान के लिए मध्यप्रदेश के बक्सवाहा जंगल मे 2.15 लाख पेड़ काटे जा रहे हैं।

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