बड़ा ही नायाब बेनाम रिश्ता जुड़ा है उन से, मूक है पर फिर भी एहसास जुड़ा है दिल से, न चालाकी है ना हिज्र है,पहचानते मात्र गंध से । 🎀 Challenge-298 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 3 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।