हर कदम फूंक कर रख लाडो ये दुनिया हवस के प्यादो से भरी है छोटे कपड़े तेरे गलत नही है बस दिमाग गलत इरादों से भरी है फांसी कम पड़े इनके गुनाहों के लिए दुनिया ऐसे जल्लादों से भरी है इन नयो को कौन सिखाये तुम्हारी हिफाज़त करना जब पुरानी चौखट ही गलत ईशादो से भरी है तू खुद से खिलना सीख ले ऐ गुल ये जमाना तुम्हारे इनादो से भरी है खुद का ज़हर दुसरो में भरते है दुनिया ऐसे उस्तादों से भरी है तेरी पाबन्दियों से इज्जत बढ़ती है इनकी सबकी सोच ऐसे गलत कायदों से भरी है बेटी नही चाहिए कोख में किसी को मंदिरो की दीवारें ऐसी मुरादों से भरी है खुद उड़ाते है इज्जत,और दूसरे उड़ाए तो गुस्सा होते है ऐ लाडो!दुनिया ऐसे ही बन्दों से भरी है ! लाडो!