मेरी बातो में जिक्र उसका बार - बार होता है कोई नशा है जो हर बार होता है मेरे कान्हा तेरे प्यार में इस कदर डुबे है हम सपने भी देखूं तो तेरा चेहरा हर शाम आता है -anshul कन्हैया