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खो कर ये मालूम हुआ,उसकी कीमत क्या है..! जो अब न स

 खो कर ये मालूम हुआ,उसकी कीमत क्या है..!
जो अब न साथ हो,हमने जिसको ठुकराया हो,
अब किसी और के हाथ हो..!
था वही गुलाब का फूल,जिसको काँटा समझ निकाल दिया..!
वही था सच्चा यार अपना,जिसको मुझ पर ऐतबार था..!
वही सब कुछ था मेरा, वही सच्चा प्यार था..!
अब खो कर समझ आयी है,कीमत उसकी..!
अब कैसे क्या मैं यार करूँ,कैसे उससे माफ़ी मांगू,
कैसे अब आँखे उससे चार करूं..!
खोने की कीमत का पता,बाद में चलता है..!
और पछतावा ही,पूरे जीवन का बचता है..!

©SHIVA KANT
  #WinterSunset #khokarjana