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भोर की किरणें, छनछन के आती.. खिड़की से झांकती. औ

 भोर की किरणें, छनछन के आती..
खिड़की से झांकती. 
और  मेरे रेडियो पर
    विविध भारती....
 कभी कभी कानों  मे, अब भी  है गुनगुनाती...
और  आवाज लगाती..  भाईयों और बहनों...
     .........

    
     #विविधभारती 
#रेडियो 
#yourquotes #tulikagarg 
#सुप्रभात
 भोर की किरणें, छनछन के आती..
खिड़की से झांकती. 
और  मेरे रेडियो पर
    विविध भारती....
 कभी कभी कानों  मे, अब भी  है गुनगुनाती...
और  आवाज लगाती..  भाईयों और बहनों...
     .........

    
     #विविधभारती 
#रेडियो 
#yourquotes #tulikagarg 
#सुप्रभात
tulika3350361195569

Anamika

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