सम्पूर्ण अस्तित्व के समक्ष स्वयं को उघाड़ देना यानी महावीर होना। फिर केवल एक ही बचता है। अस्तित्व ही आप, या आप ही अस्तित्व हो जाते है। कुछ छिपा नही रहता। इसलिए महा वीर। ©Robiinn #महावीरजयंती