बाज़ार चढ़ाये ख्वाबों के बस्ते सरे बाज़ार बाज़ार हसरतों का लगा लगा आँखों पर पर्दा सबको सबको बस अपना दुःख नज़र आये आये तो लोग चौखट पर मेरी मेरी चाहतों का मोल न लगा पाए पाए तो मैंने भी सलाह के तोहफे तोहफे की तरह कोई ख्वाब भी ले जाए जाए तो न लाये वापस वो साये साये जो मैंने घिस घिस मिटाये मिटाये ऐसे के उतर गया रंग रंग जो कभी तेरी यादों ने चढ़ाये चढ़ाये ख्वाबों के बस्ते सरे बाज़ार #अन्त्यपदानुवृति #Antyapadanuvriti (Hindi) #Anadiplosis (English) Poetry inspired by Saket Garg bhai's work. First word of each line is last one of last in this poetry form. गाथा है ये एक बाजार की जो हर रोज़ सब लगाते हैं । कोई सलाह छोड़ जाते हैं, कुछ ख्वाब ले जाते हैं । #CalmKaziWrites #Bazaar #Market #YQDidi #YQBaba #बाजार #मार्किट #ख्वाब #बस्ते #यादें #रंग #चौखट #हसरत #आँखें #eyes #bags #dreams #hindi #हिंदी #कविता #poetry #सौदा बाज़ार