जान हमारी हिन्दी है , अभिमान हमारी हिन्दी है। जिस जीवन को हम जीते हैं, उसकी धड़कन भी हिन्दी है। कोटि नमन है हिन्दी को। ©नागेंद्र किशोर सिंह #हिन्दी#