Happy Lohri Wishes थका मुसाफ़िर अब गम की ही भीड़ में उद्वेलित जो होवे है कभी ये मन मस्तिष्क विहग उड़े है मन के स्वप्नों के इह लोक में बाह जोटती फिर धरा युवा देश के जोश में।। ✍️आकिब जावेद✍️ #NojotoQuote थका मुसाफ़िर अब गम की ही भीड़ में उद्वेलित जो होवे है कभी ये मन मस्तिष्क विहग उड़े है मन के स्वप्नों के इह लोक में बाह जोटती फिर धरा युवा देश के जोश में।।