जो तुम आस पास हो तो मुशिकले आसान तुम से दूर हर लम्हा बंजर सा लगता है तुम्हारी शोहबत में बो शोखियाँ हासिल की दुनिया की भीड़ में बस ये रिश्ता ही अपना लगता है जमाने भर की शिकायतें तुम्हीं से है मुझको फिरभी संग तुम्हारा कुंदन सा लगता है कुंदन सा लगता है